
फोटो, तरूण तेवतिया, मुख्य प्रदेश प्रवक्ता हरियाणा कांग्रेस।
कांग्रेस के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता ने भाजपा सरकार को खडा किया सवालों के घेरे में
हरियाणा कांग्रेस के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता बोले-जब दलित वर्ग के एडीजीपी रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को न्याय नहीं मिल सकता तो आम, गरीब का क्या होता होगा?
देशपाल सौरोत/ ब्यूरो रिपोर्ट
चंडीगढ़, 11 अक्तूबर। कांग्रेस कमेटी हरियाणा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता तरूण तेवतिया ने कहा है कि एडीजीपी रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या की घटना बेहद दुखद: है और इस घटना से हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरा देश स्तब्ध है, जो देश के लिए एक बहुत ही गंभीर मामला है। इस दुखद घटना ने हरियाणा की भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली व पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान खडे कर दिए हैं। उन्होंने सवाल खडा किया कि जब सरेआम दलित और गरीबों और खास तौर से बड़े से बड़े पद पर आसीन दलितों के साथ यह अमानवीय व्यवहार होगा तो समझ लें क्या व्यवस्था है शासन और सरकार की। उन्होंने इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराने की मांग करते हुए कहा कि मामले में न्याय तो हो ही साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाए कि न्याय होता हुआ दिखे जिससे कि जांच को प्रभावित न कर पाए। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता तरूण तेवतिया शनिवार को यहां पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।
हरियाणा के हालात इतने खराब कि सीनियर ब्यूरोक्रेट को भी मिल रही प्रताडऩा: तरूण तेवतिया
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता तरूण तेवतिया ने भाजपा सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि देश के संविधान में न्याय और समानता का अधिकार हर नागरिक को है लेकिन भाजपा सरकार में आज हालात ऐसे हैं कि न्याय भी वर्ग के आधार पर बांटा जा रहा है। क्या किसी को केवल इसलिए न्याय से वंचित किया जा सकता है क्योंकि वह कमजोर वर्ग से आता है, भले ही वह अपनी मेहनत, प्रतिभा और संविधान प्रदत्त अधिकारों के बल पर ऊँचे पद तक पहुंचा हो? आज देश में ऐसे हालात हो गए हैं कि सीजेआई तक को निशाना बनाया गया और वाई पूरन कुमार जैसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को इतनी प्रताडऩा झेलनी पड़ी कि उन्हें आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि क्या इस देश में एक सीनियर ब्यूरोक्रेट और एक आम नागरिक की आवाज का कोई मूल्य नहीं रह गया? क्या किसी अधिकारी को इंसाफ मांगने के बदले प्रताडऩा ही मिलेगी? यह बेहद शर्मनाक है कि कार्रवाई तब हुई जब परिवार ने अंतिम संस्कार से इंकार किया। भाजपा सरकार को इसपर जवाब देना होगा। आखिर ऐसा क्यों हुआ, क्यों बार-बार चेतावनी देने के बावजूद किसी ने उनकी बात नहीं सुनी? यह सरकार खुद कटघरे में खड़ी है और इसे देश के सामने जवाब देना ही होगा।
भाजपा का दलित व आम गरीब विरोधी चेहरा हुआ उजागर: तरूण तेवतिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरूण तेवतिया ने भाजपा सरकार को दलित विरोधी करार देते हुए कहा कि क्या कारण है कि की एक एडीजीपी रैंक के दलित अधिकारी को पिता की मृत्यु पर घर जाने की इजाजत नहीं मिलती? क्या कारण है कि व्यवस्थागत व जातिगत भेदभाव के चलते आवाज उठाने पर एक दलित अधिकारी को एक्सट्रीम कदम उठाकर मजबूरन आत्महत्या का शिकार बनना पड़ता है? ये वो सवाल हैं, जो सबके जहन में है । उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि न सरकार ने, न पूरे सिस्टम ने उनकी पीड़ा पर ध्यान दिया। उल्टा, उन्हें ही बार-बार प्रताडित किया गया, उनके खिलाफ कार्रवाई होती रही। आप सोचिए, एक सीनियर अफसर, जिसने पूरी ईमानदारी से अपनी सेवा दी, उसे इस हद तक मानसिक रूप से तोड़ दिया गया कि उसे लगा कि अब कोई रास्ता नहीं बचा। यह केवल एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं है यह पूरे तंत्र की संवेदनहीनता का उदाहरण है। उनके परिवार पर जो बीती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में करायी जाए जांच: तरूण तेवतिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरूण तेवतिया ने निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा कि यह तभी संभव है जब एसआईटी जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में करायी जाए। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो और जांच में निर्धारित दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाए।