
फोटो -बृहस्पतिवार को बघौला में आयोजित अम्बेडकर जयंति समारोह को संबोधित करते असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश तंवर।
देशपाल सौरोत
पलवल,14 अप्रैल। असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश तंवर ने आज बृहस्पतिवार को पृथला विधानसभा क्षेत्र के गांव बघौला में भीमराव अंबेडकर की 131 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह बतौर मुख्यअतिथि भग लेकर लोगों से बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन चरित्र पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब स्वतंत्रता के बाद भारत को नई नीतियों और दूरदर्शिता प्रदान कर सामाजिक समानता सुनिश्चित करते हुए एक ऐसे संविधान की रचना की जिसने समग्र राष्टï्र को एकीकृत किया। उन्होंने शिक्षित होने पर बल दिया और शिक्षा के महत्व व उसके योगदान के बारे में बताया। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों की शिक्षा के महत्व के बारे बताएं और उन्हें शिक्षित करें। उन्होंने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इस अवसर पर ब्लॉक समिति के पूर्व चेयरमैन सुरेश चंद चौहान सहित काफी संख्या लोग मौजूद थे।
कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस चल रही है बाबा साहेब के बताए मार्ग पर: राकेश तंवर
कांग्रेस के असंगठित कामगार एवं कर्मचारी प्रकोष्ठ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश तंवर ने कहा कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस पार्टी बाबा साहेब के बताए मार्ग पर चलकर आम, गरीब, मजदूर, दलित, शोषित, महिला, युवा व हर वर्ग की आवाज को बुलंद कर रही हैं। उन्होंंने कहा कि बाबा साहेब के भारत का एक ही धर्म है वो है हमारा संविधान, वो संविधान जो न जाति देखता है न धर्म, न महिला पुरुष में भेद करता है, न अमीर गरीब का अंतर देखता है, यही एकता, समानता और सर्वोदय का ग्रन्थ हमारा संविधान है। इस संविधान ग्रन्थ के कुछ पन्ने आज के साम्प्रदायिक नेता हमसे छीनने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बाबा साहेब के वारिसों की पहली जिम्मेदारी है कि हम बाबा साहेब की धरोहर को बचाए रखें और जब तक इन संविधान विरोधी ताकतों को देश की सत्ता से बाहर न कर दें तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।
युवाओं के साथ बाबा साहेब के जवन चरित्र पर की चर्चा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राकेश तंवर ने ग्रामवासी युवाओं से चर्चा करते हुए बताया कि 14 अप्रैल 1891 में बाबा साहेब का जन्म हुआ था, बाबा साहेब अपने समय के सबसे शिक्षित भारतियों में से एक थे, लेकिन किताबों के संग्रह में उनकी बराबरी कोई नहीं कर सकाढ्ढ बाबा साहेब के पास उनके अंतिम समय में लगभग 35 हजार किताबें थी, जो देश की सबसे बडी व्यक्तिगत लाइब्रेरी थी। आज बाबा साहेब की जयंती नहीं, हमारे संकल्प का दिन है, हमारे बच्चों को राह दिखाने का दिन है, कितनी भी मुश्किल आए, कितना भी दबाव हो, कितनी भी समस्याएँ हो, हमारे बच्चे कम से कम ग्रेजुएट हों, यह रीति नहीं यह अपना धर्म बनाइए, हर बच्चा उसमे हमारी बेटियां तो बेटों से पहले आएं, बाबा साहेब ने कहा है कि – मैं समाज की उन्नति को समाज की महिलाओं की उन्नति से मापता हूँयदि हमारी बेटियां अशिक्षित रहीं, कुरीतियों के बंधन में रही और पुरुषों से पीछे रहीं तो बाबा साहेब की जयंती मनाने का हमें हक नही है।
