![](https://deshaajtak.com/wp-content/uploads/2022/08/13-palwal-1.jpg)
देशपाल सौरोत की रिपोर्ट
पलवल, 13 अगस्त। कोविड के चलते बंद हुआ पृथला का ऐतिहासिक दंगल फिर से शुरू होगा। आगामी 14 अगस्त 2022 को बूढ़ी तीज पर्व के अवसर पर पलवल जिले के पृथला में फिर से ऐतिहासिक दंगल का आयोजन होगा। चूंकि विगत दो वर्ष कोरोना गाइडलाइन्स के कारण कोई भी सामुहिक आयोजन नहीं हो पाये, इसलिए पृथला ग्रामवासियों की ओर से यह आयोजन इस वर्ष से फिर से शुरू किया गया है। आयोजक मंडल में मुख्य भूमिका राकेश तंवर निभा रहे हैं, राकेश तंवर पृथला क्षेत्र से कांग्रेस के नेता हैं और वर्तमान में असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष हैं।
दंगल में कौन-कौन से बडे पहलवानों की होगी कुश्ती
दंगल के मुख्य आयोजक असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष राकेश तंवर ने बताया कि यह दंगल पहले की तरह जोरदार होगा और यहां देश भर के जानेमाने पहलवानों की कुश्ती देखने मिलेगीढ्ढ हमारी हरियाणवी संस्कृति में कुश्ती का बहुत बडा महत्व है, जिसे हम कायम रखेंगे और हर साल बेहतर से बेहतर दंगल आयोजित करते रहेंगेढ्ढ बूढी तीज पर होने वाले इस दंगल में न केवल पृथला क्षेत्र बल्कि आस पास के सैकडों गांव से हमारे भाई कुश्ती देखने आते हैं और पहलवानों का मनोबल बढाते हैंढ्ढ हम सभी पृथला वासियों को विश्वास है कि इस दंगल में भी 30-40 हजार लोग एकत्रित होंगे और कुश्ती के बाद बूढी तीज का प्रसाद भी ग्रहण करेंगे। उन्होंने ने कुश्तियों के बारे में बताते हुए कहा कि इस दंगल में हितेश पहलवान बहादुरगढ की कुश्ती होगी हाथरस उप्र से आने वाले हरकेश पहलवान से, इस कुश्ती की इनामी राशी होगी 2 लाख रूपए, दूसरी कुश्ती होगी संजय पहलवान घोडी चांद और भूरा पहलवान मीत्रौल के बीच, जिसकी इनामी राशी होगी 1 लाख रूपए, तीसरी कुश्ती हरिओम उर्फ ट्रेक्टर पहलवान पलवल से दो-दो हाथ करेंगे झज्जर से आने वाले पहलवान विक्रम कोठिया, इस कुश्ती की इनामी राशी होगी 1 लाख रूपए और इसके साथ-साथ दीपक पहलवान चांदहठ और पहलवान शमशाद मेवात के बीच की कुश्ती होगी 51 हजार रूपए कीढ्ढ कुछ अन्य कुश्ती दंगल में ही तय होती हैं, दंगल के दौरान जो पहलवान एक दूसरे को चुनौती देगा उसे भी दंगल में कुश्ती लडने का मौका मिलेगा और सम्मान राशी भी दी जाएगी। कुश्ती पसंद करने वाले क्षेत्र के सभी नागरिकों और आस पास रहने वाले सभी साथियों को आमंत्रण देते हुए, ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर इस दंगल को सफल बनाने का आग्रह किया है। हरियाणा की संस्कृति से जुडी दंगल की परम्परा को पृथला गांव के नागरिकों ने बखूबी निभाया है और यदि इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम पहले की तरह आगे भी होते रहेंगे तो हरियाणा की आने वाली पीढी को भी अपनी संस्कृति के अनुसार आयोजन करने की प्रेरणा मिलेगी।