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हम जिंदगी देते हैं लेते नहीं: अग्रसेन मल्टिस्पेस्लिटी अस्पताल

युवक की मौत के बहुचर्चित प्रकरण के बाद अस्पताल ने रखा अपना पक्ष-बोले-इलाज में नहीं हुई कोई लापरवाही

देशपाल सौरोत की रिपोर्ट
पलवल,19 अगस्त। एक मरीज की मौत के बाद बीती 17 अगस्त को पलवल के बस अड्डा चौक के निकट नेशनल हाईवे-19 स्थित अग्रसेन मल्टिस्पेस्लिटी अस्पताल में हुए हंगामे के बाद शुक्रवार को अस्पताल के डॉक्टरों ने अपना पक्ष रखा। डॉक्टरों की तरफ से कहा गया कि ऑपरेशन के दौरान मरीज नवीन कुमार को कार्डियक अरेस्ट आया था। और उनके अस्पताल की किसी भी प्रकार की लापरवाही के वजह से मरीज की मौत नहीं हुई है। उनका कहना है कि उनके अस्पताल के डाक्टरों द्वारा मरीज के इलाज में कतई भी कोई लापरवाही नहीं हुई है क्योंकि हम जिंदगी देते हैं लेते नहीं।
अस्पताल पर लापरवाही के आरोप पूरी तरह से निराधार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हो जाएगा दूध का दूध और पानी का पानी-सच्चाई आ जाएगी सभी के सामने : डॉ.प्रभात आर्य
इस बहुचर्चित प्रकरण के बाद शुक्रवार को अग्रसेन मल्टिस्पेस्लिटी अस्पताल की ओर से आयोजित पत्रकार सम्मेलन में अपना पक्ष रखते हुए अग्रसेन अस्पताल के डॉक्टर प्रभात आर्य और डॉक्टर सचिन मंगला ने कहा कि अस्पताल पर लापरवाही के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। उनके अस्पताल में प्रतिदिन कई ऑपरेशन होते हैं और यह ऑपरेशन योग्य डॉक्टरों द्वारा किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि बीती 30 जून को नवीन कुमार को पथरी के ऑपरेशन के दौरान कार्डियक अरेस्ट आया था, जिसकी वजह से उसकी हालत बिगड गई थी। इसके बाद युवक के स्वजन उसे अपनी मर्जी से फरीदाबाद के किसी अन्य अस्पताल में ले गए थे। अब करीब डेढ़ माह बाद फरीदाबाद के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई। उनके द्वारा ऑपरेशन में किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई थी। डॉक्टरों ने कहा कि युवक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद सच्चाई सभी के सामने आ जाएगी तथा वह किसी भी तरह की जाँच का सामना करने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल के डॉक्टर्स द्वारा इलाज में किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। ऑपरेशन के दौरान मरीज को कार्डियक अरेस्ट आ गया था जिसके बारे में उसके परिजनों को तुरंत बता दिया गया था। ऐसा किसी भी मरीज के इलाज के दौरान हो सकता है। उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार में पहले अटैक आने से मौत हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने तो मानवता के नाते मरीज के परिजनों से उपचार में खर्च हुआ कोई रूपया-पैसा भी नहीं लिया था। और अब डेढ महिने के बाद मृतक के परिजन अन्य लोगों के साथ मृतक के शव को लेकर गत बुधवार सुबह उनके अस्पताल के द्वार पर पहुंच गए और शव को रखकर जोरदार हंगामा किया और कुछ देर के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-19 भी जाम कर दिया। उन्होंने कहा कि हंगामे के दौरान अस्पताल में मौजूद सभी डॉक्टर्स को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा जिससे अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों को देखरेख भी नहीं हो पाई। ऐसे हालात में भर्ती मरीजों के साथ कुछ भी हो सकता था।

 

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