
फोटो- गुरूनानक अस्पताल में विश्व फिजियोथैरेपी दिवस के अवसर पर प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सुरेन्द्र भारद्वाज को केक खिलाकर शुभकामनाएं देते डॉ. तेजिंदर सिंह, डॉ. दमनजीत कौर, डॉ. विक्रम दुआ व अन्य।
देशपाल सौरोत की रिपोर्ट
पलवल, 8 सितंबर। पलवल के गुरूनानक अस्पताल में वल्र्ड फिजियोथैरेपी दिवस बडी धूम-धाम से मनाया गया। इस मौके पर गुरूनानक अस्पताल के गैस्ट्रो स्पेशलिस्ट डॉक्टर तेजिंदर सिंह, सीनियर डॉक्टर एवं प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन व फुट एंड एंकल स्पेशलिस्ट डॉ. इन्द्रजीत सिंह, ब्रेंन एवं स्पाइन विशेषज्ञ डॉ. विक्रम दुआ, प्रसिद्ध फिजिशियन और सोनोलॉजिस्ट व आईसीयू एवं मेजर क्रिटिकल केस विशेषज्ञ डॉ. दमनजीत कौर, बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भगवत स्वरूप शर्मा ने प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सुरेन्द्र भारद्वाज को अपने हाथों से केक खिलाकर शुभकामनांए दीं। वहीं इस अवसर पर गुरु नानक अस्पताल के बिजनेस डेवलपमेंट एचओडी विकास कुमार सहित फिजियोथैरेपी विभाग का तमाम स्टाफ मौजूद था।
तीन दिवसीय निशुल्क फिजियोथैरेपी कैंप का भी आयोजन
वल्र्ड फिजियोथैरेपी दिवस को लेकर गुरूनानक अस्पताल में 8 सितंबर से 11 सितंबर तक तीन दिवसीय निशुल्क फिजियोथैरेपी कैंप का श्ुाभारंभ की किया गया। कैंप में सैंकडों की तादाद में महिला एवं पुरूषों ने स्वास्थ्य लाभ लिया। कैंप में प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सुरेन्द्र भारद्वाज ने रोगियों की जांच की।
हड्डी के ऑपरेशन के बाद उसकी मोबिलिटी को लेकर बेहतर मूमेंट को लेकर फिजियोथैरेपी बहुत जरूरी: डॉ. इन्द्रजीत
वहीं सीनियर डॉक्टर एवं प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन व फुट एंड एंकल स्पेशलिस्ट डॉ. इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि डॉ इंद्रजीत सिंह ने बताया की हड्डी के ऑपरेशन के बाद उसकी मोबिलिटी को लेकर बेहतर मूमेंट को लेकर फिजियोथैरेपी बहुत जरूरी है। ऑपरेशन के बाद मरीज को अगर फिजियोथैरेपी दी जाए तो वह बेहतर तरीके से पहले की तरह कार्य कर सकता है। वर्ष 2023 में विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस में गठिया मुख्य विषय है। उन्होंने बताया रुमेटाईटेड गठिया और अक्षीय गठिया दो प्रकार के सूजन संबंधी रोग हैं। उन्होंने बताया पिछले वर्ष विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस का विषय ओस्टियो अर्थराइटिस था।
भागमभाग-दौड-धूप के जीवन में फिजियोथेरिपी एक कारगर व सटीक उपचार: डॉ. सुरेन्द्र भारद्वाज
प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सुरेन्द्र भारद्वाज ने इस मौके पर आयोजित पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बगैर दवाई के दर्द खत्म करना ही फिजियोथेरिपी है। उन्होंने कहा कि आज के भागमभाग-दौड-धूप के समय में फिजियोथेरिपी एक कारगर व सटीक उपचार है। इस उपचार के तहत मरीज को बगैर दवाई के मशीनों द्वारा ठीक किया जाता है। उन्होंने फिजियोथेरिपी के बारे में बताते हुए कहा कि इससे डरने की जरूरत नहीं है बल्कि यह उपचार सही और सटीक है। उन्होंने बताया 8 सितंबर 1951 को फिजियोथैरेपी संगठन की स्थापना की गई। उन्होंने बताया 8 सितंबर 1996 को शब्द फिजियोथैरेपी डे की घोषणा की गई तभी से इसे मनाया जा रहा है ।फिजियोथेरेपी से जकडऩ या शरीर के किसी अंग का सही तरीके से काम ना करना, ठीक किया जा सकता है फिर उसका कारण भले ही हड्डी, नसें या मांसपेशी क्यों ना हो। उन्होंने बताया हमेशा फिजियोथैरेपी विशेषज्ञ से ही कराई जानी चाहिए। उन्होंने वल्र्ड फिजियोथैरेपी दिवस के अवसर पर पलवल के गुरूनानक अस्पताल में तीन दिवसीय फिजियोथैरेपी कैंप के बारे में भी जानकारी देते हुए लोंगो से इस कैंप में बिल्कुल निशुल्क उपचार कराने की अपील की।

प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सुरेन्द्र भारद्वाज।