
देशपाल सौरोत
फरीदाबाद, 1 फरवरी। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता सुमित गौड ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट को पूरी तरह से निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा है कि इस बजट से देश-प्रदेश के लोगों को बहुत आशा थी लेकिन बजट ने थोथा चना-बाजे घना वाली कहावत को चरित्रार्थ करते हुए आम गरीब विरोधी तथा मंहगाई बढ़ाने वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि बजट से किसी भी वर्ग को लाभ होने वाला नहीं है।
आंकडों के खेल में उलझे खोखले बजट ने हर वर्ग को किया निराश: सुमित गौड
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुमित गौड ने बजट पर अपनी निराशा जताते हुए कहा कि केंद्रीय बजट ने नौकरीपेशा आम आदमी से लेकर किसान, कारोबारी समेत तमाम वर्गों को निराश किया है। जहां आसमान छूती महंगाई से राहत और रोजगार के अवसर बढाने के लिए इस बजट में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, वहीं नौकरीपेशा वर्ग के लोगों को इनकम टैक्स लिमिट की छूट न बढाए जाने से निराशा हाथ लगी है। वहीं पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगी आग ने आम आदमी के घर का बजट बुरी तरह से बिगाड दिया है। आंकडों के खेल में उलझा यह बजट पूरी तरह से खोखला है।
पूरी तरह से जनविरोधी है बजट: सुमित गौड
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुमित गौड ने बजट को पूरी तरह से दिशाहीन और इसे गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार का यह बजट पूर्णरूप से नीरस बजट बजट साबित होगा क्योंकि बजट से किसी भी वर्ग को कोई लाभ होने वाला नहीं है मात्र बजट में लीपा-पोती और दिखावा करने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि आज देश व प्रदेश की आर्थिक हालत खराब है। युवाओं के रोजगारी के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा है कि यह चंद पूंजीपतियों के लिए लाया गया बजट है तथा यह जनविरोधी बजट लाया गया है। केन्द्रीय बजट जमीनी वास्तविकता से कोसों दूर है। उन्होंंंने कहा कि किसान, मजदूर, नौजवान, गृहणियों, मध्यमवर्गीय परिवारों, व्यापार व उद्योग किसी भी वर्ग की जरुरतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
औद्योगिक जिला फरीदाबाद सहित समूचे हरियाणा प्रदेश की जरूरतों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जाना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण: सुमित गौड
फरीदाबाद के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुमित गौड ने भाजपा सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करने वाली केंद्र सरकार ने इस बजट में खेती-किसानी के साथ धोखा किया है। खाद पर 1.40 लाख करोड रुपये सब्सिडी घटाकर 1.05 लाख करोड रुपये किए जाने से किसानों पर महंगी खाद का बोझ पडना तय है। गारेंटीड एमएसपी की चर्चा किए बगैर गेहूं व धान के लिए किसानों को 2.37 लाख करोड रुपये एमएसपी के रुप में दिए जाने का प्रावधान बजट में किया गया है पर एमएसपी के दायरे में आने वाली बाकी 21 फसलों का एमएसपी देने से सरकार पीछे क्यों हट रही है। इससे संकेत साफ है कि सरकार की मंशा सभी फसलों पर एमएसपी देने की नहीं है। ग्रामीण इलाकों के विकास एवं रोजगार को बढावा देने वाली मनरेगा स्कीम का बजट घटाकर 73,000 करोड रुपये कर दिया है जो 2021-22 के बजट में 98,000 करोड रुपये था। गरीबों को सस्ते अनाज के लिए फूड सब्सिडी बजट 2.86 लाख करोड रुपये से घटाकर 2.06 लाख करोड रुपये किये जाने से गरीबों के खाने की थाली में भी केंद्र सरकार ने छेद करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि बजट में औद्योगिक जिला फरीदाबाद व पलवल सहित समूचे हरियाणा प्रदेश की जरूरतों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जाना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है।