पर्यावरण की रक्षा के लिए इनैलो लगाएगी 51 हजार पौधे: डॉ. रानी रावत
इनैलो की वष्ठि महिला प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रानी रॉवत ने पलवल में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में किया दावा
Deprecated: preg_split(): Passing null to parameter #3 ($limit) of type int is deprecated in /var/www/vhosts/searchingkaro.com/deshaajtak.com/wp-content/themes/jannah/framework/functions/post-functions.php on line 791

विश्व पर्यावरण दिवस पर बहीन गांव में आज आएंगी अभय सिंह चौटाला की धर्मपत्नी श्रीमती कांता चौटाला
देशपाल सौरोत
पलवल, 4 जून। इनैलो हरियाणा की वष्ठि महिला प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रानी रॉवत ने कहा है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए इनैलो 51 हजार पौधे लगाएगी। इसकी शुरूआत 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पलवल जिले के गांव बहीन से की जाएगी जिसमें विधायक अभय सिंह चौटाला की धर्मपत्नी श्रीमती कांता चौटाला बतौर मुख्यअतिथि के रूप में मौजूद रहेंगी। वहीं इनैलो महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा देवी भी बतौर अति विशिष्ठ अतिथि शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से पर्यावरण का संतुलन बिगडता जा रहा उसकी रक्षा के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनका यह अभियान समूचे हरियाणा मेें चलाया जाएगा जिसका शुभारंभ उनके द्वारा पलवल जिले के हथीन विधानसभा क्षेत्र के बडे गांव बहीन से किया जाएगा। उन्होंने लोगों से इस कार्यक्रम में भारी से भारी संख्या में पहुंचने की अपील भी की है।
पर्यावरण सुरक्षा और उसमें संतुलन हमेशा बना रहे इसके लिए हमें रहना होगा जागरुक और सचेत: रानी रावत
शनिवार को पलवल के एक होटल में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में प्रमुख पर्यावरण विशेषज्ञ एवं इनैलो की वष्ठि महिला प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रानी रॉवत ने कहा कि इस अभियान के लिए उन्होंने इनैलो सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला से विचार विमर्श कर शुरू करने पर्यावरण सुरक्षा और उसमें संतुलन हमेशा बना रहे इसके लिए हमें जागरुक और सचेत रहना होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी लोगों के लिए वृक्षारोपण करना बहुत जरूरी है। क्योंकि पेड़ो से हमें खाने के लिए फल और सब्जियां मिलती हैं वहीं पेड़ों की लकड़ी से फर्नीचर, कागज, रबर और अन्य कई प्रकार की सजावटी चीजें प्राप्त होती हंै। पेड़ो की जड़ों, पत्तियों, फल और फूलों का उपयोग करके कई प्रकार की दवाएं भी बनाई जाती है, इसके अलावा पेड़ों से बहुत सारी औषधियां तैयार की जाती हैं, जो हमारे शरीर से संबंधित कई प्रकार के रोगों का उपचार करने में हमारी मदद करती है। उन्होंने कहा कि हमारे भारत देश में जहां वृक्षारोपण का कार्य होता है, वही इन्हें पूजा भी जाता है। कई ऐसे वृक्ष हंै,जिन्हें हमारे हिंदू धर्म में ईश्वर का निवास स्थान माना जाता है जैसे नीम ,पीपल ,आंवला, बरगद आदी को शास्त्रों के अनुसार पूजनीय कहलाते है और साथ ही धर्म शास्त्रों में सभी तरह से वृक्ष प्रकृति के सभी तत्वों की विवेचना करते हैं। इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करना चाहिए।