पूर्व मंत्री करण दलाल की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनाया आर्डर, अब होगी सिक्स लेन की जांच
देशपाल सौरोत की रिपोर्ट
पलवल, 9 दिसंबर। पलवल में नेशनल हाईवे-19 स्थित पृथला-गदपुरी में एनएचएआई द्वारा चलाए जा रहे टोल पर संकट के बादल मंडरा गए हैं ? इस टोल के खिलाफ पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल द्वारा दायर की गई याचिका पर पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट ने कमिशन गठित कर 6 सप्ताह में जांच कर विद फोटो और वीडियो अपनी रिपोर्ट पेश करने के आर्डर किए हैं। माननीय हाईकोर्ट द्वारा गठित किए गए 2 सदस्यीय लोकल कमीशन में टैक्रीकल मैम्बर के रूप में लोकनिर्माण विभाग पंजाब के पूर्व मुख्य अभियंता एनके अग्रवाल तथा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के वकील शैलेंद्र कश्यप को शामिल किया गया है जो 12 दिसंबर से नेशनल हाईवे पर सुविधाओं को लेकर एक-एक बिंदु पर जांच करेगा। जांच के दौरान कमीशन टोल नियमों के अलावा 179 किलोमीटर लंबे दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे-19 पर सिक्स लेन निर्माण कार्यों की जांच करेगा तथा गदपुरी गांव के लोगों के अलावा दिल्ली-आगरा राजमार्ग पर चलने वाले वाहन चालकों से भी बात कर सुविधाओं की जानकारी लेगा। भारत देश में कोर्ट का यह पहला निर्णय है कि एनएचएआई के खिलाफ इस तरह का लोकल कमिशन गठित गया गया हो।
नेशनल हाईवे पर पर सिक्स-लेन, आरओबी, फुट ओवर ब्रिज, रैस्ट रूम, सर्विस रोड का निमार्ण पूरा हुआ नहीं फिर भी वसूल रहे टोल- उदय करण दलाल
शुक्रवार को पलवल में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के शिकारपुर क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके तथा पूर्व लोकनिर्माण मंत्री करण सिंह दलाल के पुत्र उदयकरण सिंह दलाल ने बताया कि नेशनल हाईवे पर सिक्सलेन निर्माण कार्य को पूरा किए बिना तथा नियमों को ताकपर रखकर ही पृथला-गदपुरी में टोल बैरियल चला दिया गया है जबकि पलवल में केवल 4 लेन का पुल बनाया गया है वहीं आजतक भी बल्लभगढ़ रेलवे ओवर ब्रिज को 6 लेन का नहीं बनाया गया है वहां पर आजक भी 4 लेन का पुराना ही पुल है जिससे पलवल और बल्लभगढ में रोजाना जाम की सी स्थिति बनी रहती है। वहीं नेशनल हाईवे पर आज-तक भी 6 लेन, आरओबी, फुट ओवर ब्रिज, रैस्ट रूम, सर्विस रोड का निमार्ण पूरा नहीं हुआ है जो इस सिक्स लेन को बनाने से पहले कंपनी द्वारा अनुबंध किया गया था। शर्तों को पूरा किए बगैर ही एनएचएआई और टोल कंपनी ने सांठगांठ कर टोल शुरू कर यहां वसूली शुरू कर दी है जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि सरकार के विधायकों तथा स्थानीय सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री तथा प्रशासन द्वारा मिलीभगत कर सिक्सलेन की शर्तों को पूरा किए बिना गदपुरी में चलवाए जा रहे टोल को बंद कराने के लिए ही पूर्व मंत्री करण दलाल ने उच्च न्यायालय का सहारा लिया है क्योंकि अन्याय के खिलाफ सरकार से लड़ाई लडऩे का एकमात्र जरिया न्यायालय है। उन्हें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय पर पूरा विश्वास है कि आम लोगों से सुविधाएं दिए बिना और सिक्स लेन की शर्तों को पूरा किए बिना चलाए जा रहे इस टोल से मुक्ति मिल सकती है।
कोर्ट द्वारा गठित लोकल कमीशन 12 दिसंबर से करेगा सिक्ल लेन निर्माण व सुविधाओं की जांच
उदयकरण दलाल ने कहा कि पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल की याचिका पर माननीय हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए पहले 16 अगस्त 2022 को एनएचएआई औक कंपनी को नोटिस जारी किया था जिसके बाद 30 नवंबर को उच्च न्यायालय ने कमीशन गठित किया था। ताकि टोल कंपनी व सरकार की नीयत का पता लगाया जा सके और पता चल सके कि नियमों को पूरा किया गया है या नहीं। इसी को लेकर उच्च न्यायालय ने जो कमीशन गठित किया है। अब वह कमीशन 12 दिसंबर 2022 से दिल्ली-आगरा राजमार्ग पर सिक्स लेन के निर्माण कार्यों का जायज लेगा तथा सरकार व टोल कंपनी के बीच हुई समझौते पर कितना कार्य पूरा है, गदपुरी ग्राम पंचायत को टोल लगाने के बदले जमीन का मुआवजा दिया गया है या नहीं की जांंच कर अपनी रिपोर्ट उच्च न्यायालय को फरवरी से पहले सोंपेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि लोगों को इस टोल से राहत मिलेगी तथा बिना शर्तें पूरी किए और सिक्स लेन का निर्माण पूरा हुए बिना टोल नहीं चलने दिया जाएगा।
टोल हटाने को लेकर 40 दिनों तक चला था धरना-प्रदर्शन
बता दें कि गदपुरी-पृथला टोल बैरियल हटाए जाने की मांग को लेकर जिले के लोगों ने लगातार 40 दिनों तक टोल-बैरियल पर धरना-प्रदर्शन भी किया था। इस धरने-प्रदर्शन में पूर्व मंत्री करण दलाल, पृथला के पूर्व विधायक रघुवीर सिंह तेवतिया, पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा, असंगठित कामगार और कर्मचारी कांग्रेस हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश तंवर, पूर्व निगम पार्षद जगन डागर, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव रतन सिंह सौरोत, महिला नेता शशि बाला, 52 पाल/खापों के अध्यक्ष अरूण जेलदार सहित नेकों विपक्षी दलों के नेताओं सहित जिले के काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया था जिसमें महिलाओं की संख्या में काफी रही थी। एनएचएआई व टोल कंपनी व टोल हटाओ संघर्ष समिति के बीच मांगों पर सहमति बनने के बाद 40 दिन बाद धरना समाप्ती की घोषणा की गई थी लेकिन कानूनी लडाई जारी रखने का ऐलान हुआ था। इसी के चलते पूर्व मंत्री करण दलाल ने हाईकोर्ट का सहारा लिया जिसके बाद कोर्ट ने जांच के लिए लोकल कमिशन गठित किया है।
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